इंतजार
एक उम्र ढल गयी तुम्हे रूठे
फिर भी इंतजार करते हैं
हमसे भूल हुई यह अब
इकरार करते हैं
तुम आँखे मिला नहीं सकते
हसीन यादें सजा नहीं सकते
शब्द से शब्द क्यूँ उलझे
अब शब्द से ही प्यार करते हैं
एक उम्र ढल गयी तुम्हे रूठे
फिर भी इंतजार करते हैं
हमसे भूल हुई यह अब
इकरार करते हैं
किसी और की तुम अमानत
कोई जुर्म की अब नहीं जमानत
दूर रह सजाय मौत का इंतजार करते हैं
बीता वक़्त बीता यह जमाना
नहीं अब तुम्हारे पास कोई बहाना
फिर भी तुम्हारी वफाई का इंतजार करते हैं
एक उम्र ढल गयी तुम्हे रूठे
फिर भी इंतजार करते हैं
हमसे भूल हुई यह अब
इकरार करते हैं ~ मोहन आलोक