इतिहास रो रहा है

हमारा इतिहास रो रहा है
कोई इसकी मदद करो
कहीं मेरा देश खो गया है
कोई इसकी मदद करो
मुकदर कहीं सो गया है
कोई इसकी मदद करो

यही वो ज़मीन है
जो प्रताप के खून् से सींची थी
यही वो मिटी है
जो बाजी शिवा जी से लिपटी थी
मेरा मुकदर सो गया है
कोई इसकी मदद करो
कहीं मेरा देश खो गया है
कोई इसकी मदद करो
मुकदर कहीं सो गया है
कोई इसकी मदद करो
हमारा इतिहास रो रहा है
कोई इसकी मदद करो
इस धरती के लिये
भाई मती दास ने शीश कटवाया था
यहीं आतन्कियों ने
शहजादों को दिवार में चिनवाया था
तब से मेरा देश रो रहा है
कोई इसकी मदद करो
मेरा देश खो गया है
कोई इसकी मदद करो
मुकदर कहीं सो गया है
कोई इसकी मदद करो
सारा इतिहास रो रहा है
कोई इसकी मदद करो
ढूँड रहा हर इंसान देश को जनून से
भगत सिंह और आजाद जैसे खून् से
कोई विष के बीज यहां बो गया है
कोई इसकी मदद करो
मेरा देश खो गया है
कोई इसकी मदद करो
मुकदर कहीं सो गया है
हमारा इतिहास रो रहा है
कोई इसकी मदद करो
इतिहास किसी अधर्म का
मोहताज नही है
हत्या बलात्कार का धर्म.
बरदाश्त नहीं है
धर्म मर्यादा में सो गया है
मेरा देश खो गया है
कोई इसकी मदद करो
मुकदर कहीं सो गया है
कोई इसकी मदद करो
हमारा इतिहास रो रहा है
कोई इसकी मदद करो
कासिम की नसल ने
भीषण रक्तपात मचाया है
आक्रांत घर घर को
दशकों से इसने रुलाया है
हर. सपने को
निराशा. के सागर ने ड़ूबो दिया है
कहीं
मेरा देश खो गया है
कोई इसकी मदद करो
मुकदर कहीं सो गया है
कोई इसकी मदद करो
हमारा इतिहास रो रहा है
कोई इसकी मदद करो _ मोहन आलोक