aankhen
आँखें अब भी इंतजार में है
मैं हूँ एक फ़कीर
क्या कर लेगी
मेरे हाथों की लकीर
मुझे नहीं
किस्मत को चाहिए साथ मेरा
किस्मत को जीने के लिए
अब नाम चाहिए मेरा
मेरी जिंदगी
अब किस्मत का इंतजार करती है
मेरी हर धड़कन
अब किस्मत से प्यार करती है
कोई मेरी किस्मत
मेरी जान को बुला दे
जी नहीं पाए उसके बिना
यह बतला दे
कुछ मिट चुकी लकीरें
है किस्मत मेरी
आँखें अब भी इंतजार में है
किस्मत तेरी …..
मोहन अलोक ..