tasvir

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मुझे मेरी तस्वीर लोटा दो

मुझे मेरी तकदीर लोटा दो
मेरी तस्वीर को कहाँ फेंक डाला
मुझे मेरी तस्वीर लोटा दो
मेरी यादों को कहाँ रोंद डाला
मुझे मेरी तकदीर लोटा दो
तुम तो सब समेट लोगे
हमें बिखेर कर
तलाश लोगे अच्छा कारवां
हमें तोर कर
बहुत दर्द  दिया है
तुमने जिन्दगी
ख्वाहिश है की
हमें हमारा जमीर लोटा दो
मेरी तस्वीर को कहाँ फेंक डाला
मुझे मेरी तस्वीर लोटा दो
मेरी यादों को कहाँ रोंद डाला
मुझे मेरी तकदीर लोटा दो………  मोहन अलोक

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