toofan

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मेरे तूफ़ान

 मेरे जज्बात
मेरे तूफ़ान
मेरे अपने हैं
मेरे लफजात
मेरी शान
मेरे सपने हैं
इन्हे कैसे मैं सबको बतला दूं
सितम जो उन्हों ने दिए हैं
कैसे मैं भुला दूं ………मोहन अलोक ..

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