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यादों का सागर

तुम्हारी यादों का सागर
हमें बहुत रुलाता है
वादियों में तुम्हारा हँसना
हमें बहुत डराता है
तुम्हारा मिलना
तुम्हारा साथ देना
और तुम्हारा बिछुर्रना
एक सपना  सा लगता है
तुम्हारा बुलाना
तुम्हारा शर्माना 
और तुम्हारा रुलाना
एक धोखा सा लगता है
संभाल ना पाओगे
तुम हमें अब यह
दिल जानता है
तुम्हारी यादों का सागर
हमें बहुत रुलाता है
हमने तुम्हारी यादों से
जिंदगी बिता दी
ख्वाबों की महफ़िल में
यह जिंदगी लुटा दी
तुम्हारा अचानक हमें भूल जाना
याद आता है
वादियों  में तुम्हारा हंसना
हमें बहुत डराता है
तुम्हारी यादों का सागर
हमें बहुत रुलाता है
वादियों में तुम्हारा हँसना
हमें बहुत डराता है
तुम्हारा मिलना
तुम्हारा साथ देना
और तुम्हारा बिछुर्रना
एक सपना  सा लगता है

……मोहन अलोक .

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