अकेला है चाँद

sky

 

अकेला है चाँद
सितारों में भी
क्यूँ झांकते हो उसे

वीरानों में अभी

दिल मेरा खोखले से तने
की तरह कमजोर
सुन नहीं पाये गा
इन कराहटों का शोर
क्यूँ ढूंढ़ते हो
बेगानों में भी
अकेला है चाँद
सितारों में भी
क्यूँ झांकते हो उसे
वीरानों में अभी~मोहन अलोक

 

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