कन्या दान
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महिला दिवस मनाती
महिला जगत् बनाती
आसमान जाती !
बैठ अंतरिक्ष यान
फिर भी क्यूँ
अबला बन
वस्तु बन
करवाती ब्याह
में कन्या दान !!
रिवाजों की कैसी है
यह डोर
नही चले जिस पर
सबका ज़ोर
नासमझी में कर
देते ह्म उसका अपमान
महिला दिवस मनाती
महिला जगत् बनाती
आसमान जाती !
बैठ अंतरिक्ष यान
फिर भी क्यूँ
अबला बन
वस्तु बन
करवाती ब्याह
में कन्या दान !!
हर गृह की शोभा बड़ाती
और गृह लक्ष्मी बन जाती
फिर भी असुरक्षित आसमान
महिला दिवस मनाती
महिला जगत् बनाती
आसमान जाती !
बैठ अंतरिक्ष यान
फिर भी क्यूँ
अबला बन
वस्तु बन
करवाती ब्याह
में कन्या दान !!
~ मोहन आलोक