जिस जमीन में हिन्दू धर्म सोता है

 

depression

 

 

 

जिस जमीन  में

हिन्दू    धर्म सोता है

लोभी कपटी बेईमान का

हरदम शासन   होता है

भूखे पेट सोती मानवता जहां

मेहनती इंसान रोता है 

मैं उस नगरी का वासी हूँ

जिस जमीन  में हिन्दू   धर्म सोता है

लोभी कपटी बेईमान का

हरदम शासन   होता है

किस्मतें जहां रूठ जाती

घमंडी तहखानो में

असम्प्रदायिकता   के नाम पर

शासन कर रहे शैतानो से

बच नहीं पाएंगे   हैवान    

अब राम बाण प्रकट होता है

मैं उस नगरी का वासी हूँ

जिस जमीन  में धर्म सोता है

लोभी कपटी बेईमान का

हरदम शासन   होता है

सह नहीं पाएंगे यह सब

हमारे जहरीले बाणो को

आम नहीं मिलते उसे जो 

  कीकर बोता है

जब  जमीन

 में हिन्दू   धर्म सोता है

लोभी कपटी बेईमान का

हरदम शासन   होता है   ~ मोहन अलोक

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