gumnam chhavi

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  जब नाकाम हुई मोहब्बत तो

       हम कवि बन गए !

       शिकस्त जिंदगी की जंग में

       गुमनाम छवि बन गए !!

      अतीत से निकल हर याद भुलाई

       हसरतों ने जब ली अंगड़ाई

       सितारों की बारात में

       किसी आसमान के  रवि बन गए

      जब नाकाम हुई मोहब्बत तो

       हम कवि बन गए !

       शिकस्त जिंदगी की जंग में

       गुमनाम छवि बन गए !!

       कोशिश समयः समेटनी की नाकाम

      वह बिखरते हालत बिखरते कारवां

     जुबान है हर उम्र की वारदात

     वक़त जब बेवफा और वो हसीं बन गए

     जब नाकाम हुई मोहब्बत तो

       हम कवि बन गए !

       शिकस्त जिंदगी की जंग में

       गुमनाम छवि बन गए !!

~ मोहन अलोक  

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