मन ज्योति

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1. इस मन ज्योति को बाती समझ लिया तूफानी हवाओं ने !

बिखरती राहों की मोजमई वैश्या सी जिस्मानी अदाओं ने !!

चखता है जहां बुढ़ापा इश्क़ बेवफा जवानी और शराब का
भटकता समाज दीवाना हो जाता है जिस्म की किताब का
कठिन हों जहां राहें और राहगीर वकत लगे आग बुझाने को

इस मन ज्योति को बाती समझ लिया तूफानी हवाओं ने !

बिखरती राहों की मोजमई वैश्या सी जिस्मानी अदाओं ने !!
आहत हुआ मन देख देश भक्ति  का कवच पहन शैतानो को
विद्रोह की आग भड़क चुकी जलाये गी उन आसमानों को
संघर्ष् में अकेला खर्डा हूँ मैली गंगा और सिंधु के विरानो में

इस मन ज्योति को बाती समझ लिया तूफानी हवाओं ने !

बिखरती राहों की मोजमई वैश्या सी जिस्मानी अदाओं ने !!

~मोहन अलोक 

2. गुमनाम राहें सुहाना सफर

येः बदलती मंजिल !

बेईमान मौसम मदहोश उपवन

ले दड़कता दिल !!

यादों को कब्र में दफना

हम तेरी महफ़िल में आये

अँधेरी राहों को राही से

रुक्सत करा

हम दीप महोब्बत का जला आये

बेवफा वक़त कंटीली राहें हमसफ़र कातिल

 गुमनाम राहें सुहाना सफर

येः बदलती मंजिल !

बेईमान मौसम मदहोश उपवन

ले दड़कता दिल !!

येः कैसे बर्फ और बदन का रिश्ता

रहे अटूट

आंसू बन पिघले बर्फ

जब जान बदन से

जाय छूट

ढलती उम्र छूटते हमसफ़र

कहाँ चाहत हासिल

गुमनाम राहें सुहाना सफर

येः बदलती मंजिल !

बेईमान मौसम मदहोश उपवन

ले दड़कता दिल !!

क्या तुम कोनसी मोहब्बत

और कैसा येः धोखा

हक़ नहीं अब

जब खत्म किया

तुमने सब मौका

बुझता  दिया

ढलता बदन और अनजान साहिल

गुमनाम राहें सुहाना सफर

येः बदलती मंजिल !

बेईमान मौसम मदहोश उपवन

ले दड़कता दिल !! ~मोहन अलोक

3.

धधकता धुआं सुलगती भावनाएं

आग सी भटकती कामनाएं

कोयले से स्याह काली रात 

का एक सपना

ओलों की मतवाली बरसात में

कोई अपना

बेगुनाह भटकती आत्माएं

धधकता धुआं सुलगती भावनाएं

आग सी भटकती कामनाएं

किसी और के गुनाह से बदलती भाग्य रेखा 

कैसा था सावन कैसा यह  उपवन देखा

अंकुर  गुलाब के काँटों में उलझते जाएँ

धधकता धुआं सुलगती भावनाएं

आग सी भटकती कामनाएं

मदमस्त भंवरों की निकली बारात

गुम होती दुर्गम राहों में एक रात

नम निगाहों से ओझल होती आकांक्षाएं

धधकता धुआं सुलगती भावनाएं

आग सी भटकती कामनाएं

जाल बुनती मकड़ियों का खेल

कपटी और जालसाजों का मेल

मासूम पेड़ों की देखी   टूटती शाखाएं

धधकता धुआं सुलगती भावनाएं

आग सी भटकती कामनाएं~ मोहन अलोक 

 

 

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