बाबर की बर्बरता क्रूरता का अवगुण मुगलों को अपने मंगोल पूर्वजों से विरासत में मिला था, मुगलों की फौज, बादशाह से लेकर सबसे निचले फौजदार तक, मानव जीवन के लिए बहुत कम सम्मान रखती थी। बाबर मध्य-पूर्व का एक मुस्लिम आतंकवादी राजा था। उसका असली नाम जहीरुद्दीन था। वह उज्बेकिस्तान से हिंदुस्तान पर आक्रमण करने आया था। 1504 में, उसने काबुल से होते हुए भारत पर आक्रमण किया था। बाबर की शादी, एक विशिष्ट सुन्नी मुस्लिम परिवार की लड़की आयशा सुल्ताना बेगम से हुई थी लेकिन उसकी महिलाओं में कोई दिलचस्पी नहीं थी। 15वीं शताब्दी के दौरान समलैंगिकता एक आम इस्लामी संस्कृति थी। बाबर की रूची पुरुषों में थी। बाबरी मस्जिद को उनके समलैंगिक साथी मीर बाकी ने राम जन्म भूमि मन्दिर को तोड़ कर बनाया था। बाबरी मस्जिद, (विवादित ढांचे का नाम) बाबर के समलैंगिक प्रेमी बाबरी के नाम पर रखा गया था। इसके बारे में इन चौंकाने वाले तथ्यों का उल्लेख बाबरनामा या तुज़ुक-ए-बाबरी में बाबर के शब्दों में ही किया गया है। पानीपत में विजयी होने के बाद, बाबर ने दिल्ली पर अधिकार कर लिया। हजारों हिंदुओं को तलवार के घाट उतार दिया गया और महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया। दिल्ली में उसके क्रूर अपराध, किये यहाँ उसने 700,000 निवासियों को तलवार के घाट उतार दिया, सभी आकर्षक महिलाओं और सुंदर युवा लड़कों को नपुंसक बना दिया गया। बाबर ने 1527 ई० में हिन्दूपति राणा सांगा पर विजय पाई । इस विजय को उसने अल्लाह की देन समझा और राजपूतों के शिरों का स्तूप बना कर अपनी जीत का स्मारक खड़ा किया। बाबर ने तीर्थों को नष्ट किया। मन्दिर तोड़कर मस्जिदें बनाई गई। पवित्र तीर्थ अयोध्या की घटनाओं का वर्णन करते हुए लाला सीता राम लिखते हैं, “बहुत ही थोड़ी तोड़ फोड़ से मन्दिर की मस्जिद बना दी गई। एक स्थान पर जन्म स्थान के दो खम्भे पड़े हैं। कहा जाता है जब मूसा आशिकान मरने लगा, उसने अपने शिष्यों से कहा, “जन्म स्थान का मन्दिर हमारे ही कहने से तोड़ा गया है। इसके दो खम्भे बिछा कर हमारी लाश रखी जाए और दो हमारे सिरहाने गाढ दिए जाएं ।अयोध्या के मन्दिरों की कुछ मूर्तियां हिमाचल के मन्दिरों में सुशोभित की गई।