Hamaare Poorvaj
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हमारे पूर्वज
भारत एक देव भूमि है हमारा धर्म संस्कृति किसी एक व्यक्ति द्वारा स्थापित नहीं की गयी बल्कि असंख्य ऋषि मुनियों की तपस्या का फल है ! उन्होंने देव वाणी संस्कृत में रचित अक्षय ज्ञान का भंडार हमें दिया था ! ऋषि मुनि केवल ब्राहमिनों के ही पूर्वज नहीं, बल्कि चार वर्णों के गोत्रकार हैं ! हमारे पूर्वज पुस्तक में एश्वकू वंश के गुरु वशिष्ठ के अतरिक्त उनके वंशज पराशर व् व्यास भृगु वंश के प्रमुख ऋषि जमदगिन परशुराम बाल्मीकि मार्कंडेय पान्निनी कश्यप शांडिल्य संदीपन अंगीरा कुल के भरद्वाज, द्रोणाचार्य पंताजलि धन्वन्तरी का उल्लेख है! इनके अतरिक्त पुल्सत्य विश्वमित्र याज्ञवल्क्य ऋषि तथा अगस्त गौतम व् अत्री वंश के ऋषियों का वर्णन है पुलह कर्तु चाणक्य व् चरक आदि का भी उल्लेख किया गया है ! ऋषियों के वर्णन से पूर्व ब्रह्मा प्रजापति नारद इन्द्र आदि का परिचय भी दिया गया है आधुनिक विज्ञानिकों के अनुसार ब्रह्मा एक व्यक्ति ना हो कर प्रत्येक युग का प्रमुख विद्वान् है ! प्रजापति नारद व् इन्द्र एक व्यक्ति न हो कर कुछ उपाधियाँ है
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