अयोध्या के प्रमुख राजा
राजा युवनाश्व (प्रथम)
युवनाश्व अयोध्या के प्रतापी राजा कुलवाश्व के पुत्र थे। युवनाश्व की मां का नाम सुपर्णा था।
इनका विवाह राजा महापद्म की कन्या गौरी से हुआ था। और इनके पुत्र श्रावस्त थे।
पौराणिक कथाओं के अनुसार इन्होंने पुरुष होते हुए गर्भ धारण किया था। इन का पुत्र श्रावस्त था ।
राजा श्रावस्त का कहीं-कहीं श्राव नाम दिया गया है। इस राजा ने श्रावस्ती नगर बसा कर उसे अपनी राजधानी बनाया। श्रावस्ती नगर का नाम राजा श्रावस्त के नाम पर पड़ गया था | भगवान बुद्ध के जीवन काल में यह कोशल देश की राजधानी थी |
श्रावस्ती हिमालय की तलहटी मे बसे भारत-नेपाल सीमा के सीमावर्ती जिले बहराइच से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | उत्तर प्रदेश के इस जिले की पहचान विश्व के कोने-कोने मे आज, बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप मे है |
श्रावस्तक युवनाश्व का पुत्र था ओर पृथु की छठी पीड़ी मे उत्पन्न हुआ था | वही इस नगर के जन्मदाता थे ओर उनही के नाम पर इसका नाम श्रावस्ती पड़ गया | राजा श्रावस्त के तीन पुत्र – बृहदश्व वंशक तथा वत्सक थे।
युवनाश्व की मृत्यु अयोध्या में हुई और उनकी मृत्यु के बाद राजा श्रावस्त को गद्दी पर बैठाया गया।