अस्तित्व
मेरा तो अस्तित्व तेरी दगा का शिकार हो ग्या
तुम्हारे धोखे भरे कहकहों से बेकार हो ग्या
मैं वोह समुंदर हूँ जिसमे नदिया तुम्हे विलीन होना पढ़ेगा
आई नदी की धरा रस्ते कुछ भी चुनो
मुझसे शरण लेना होगा
फुरक सिर्फ इतना है
की तुम्हे तुम्हारे चुने रस्ते में मिटना होगा
दुःख है हमें की हमारा
समझाना बेकार हो ग्या
मेरा तो अस्तित्व तेरी दगा का शिकार हो ग्या
तुम्हारे धोखे भरे कहकहों से बेकार हो ग्या
मेरा समुंदर उब तुम्हारे
पानी का मोहताज नहीं
मेरी शेहनाई उब तुम्हारी
तुन्हाई का साज नहीं
मेरा जीवन तुम्हारे फरेबी
उलाहनों से शर्मसार हो ग्या
मेरा तो अस्तित्व ..
मेरा तो अस्तित्व तेरी दगा का शिकार हो ग्या
तुम्हारे धोखे भरे कहकहों से बेकार हो ग्या
मैं वोह समुंदर हूँ जिसमे
नदिया तुम्हे विलीन होना पढ़ेगा
ए नदी की धारा
रस्ते कुछ भी चुनो
तुम्हे मुझसे शरण लेना होगा
फुरक सिर्फ इतना है
की तुम्हे तुम्हारे चुने रस्ते
में मिटना होगा
दुःख है हमें की हमारा समझाना बेकार हो ग्या
मेरा तो अस्तित्व तेरी दगा का शिकार हो ग्या
तुम्हारे धोखे भरे कहकहों से बेकार हो ग्या
मेरा समुंदर उब तुम्हारे पानी का मोहताज नहीं
मेरी शेहनाई उब तुम्हारी तुन्हे का साज नहीं
मेरा जीवन तुम्हारे फरेबी उलाहनों से शर्मसार हो ग्या
मेरा तो अस्तित्व तेरी दगा का शिकार हो ग्या
तुम्हारे धोखे भरे कहकहों से बेकार हो ग्या ~ मोहन अलोक