हर. वकत हरदम हम यह फरियाद करते हैं
हर. वकत हरदम हम यह फरियाद करते हैं
दोस्त तेरी दोस्ती को हमेशा याद करते है
दुनिआ की इस भीड में हमे ना भूला देना
अंधेरों में एक याद अबाद करते हैं
तुमसे जुदा होना यह तुम्हारा ही एक ईरादा था
य़ादों को विदा ना करना यह हमारा वादा था
हम नीदं में भी ए दोस्त तेरी दोस्ती पे नाज करते हैं
हर. वकत हरदम हम यह फरियाद करते हैं
दोस्त तेरी दोस्ती को हमेशा याद करते है
दुनिआ की इस भीड में हमे ना भूला देना
अंधेरों में एक याद अबाद करते हैं
ये दोस्ती हर रिश्तो से लाजवाब होती हैं
सब रिश्तो से अछी यह किताब होती है
तुम साथ हो ये जरुरी नहीं तेरी खुशबू साथ रखते हैं
हर. वकत हरदम हम यह फरियाद करते हैं
दोस्त तेरी दोस्ती को हमेशा याद करते है
दुनिआ की इस भीड में हमे ना भूला देना
अंधेरों में एक याद अबाद करते हैं – मोहन आलोक