धड़कनों ने बेवफा दिल से प्यार किया था
रास्तों ने मंजिल का दीदार किया था
पर यादें जब आ जाती हर रोज़ आस पास
लगा बेवफ़ा दिवारो से प्यार किया था -मोहन आलोक
धड़कनों ने बेवफा दिल से प्यार किया था
रास्तों ने मंजिल का दीदार किया था
पर यादें जब आ जाती हर रोज़ आस पास
लगा बेवफ़ा दिवारो से प्यार किया था -मोहन आलोक