ancient indian history

Raja Yuvnasch Dvitiya

अयोध्या के प्रमुख राजा
राजा युवनाश्व (द्वितीय)
युवनाश्व (द्वितीय) का जन्म 3400 BC में हुआ था
युवनाश्व अयोध्या के ईकश्वाकु वंश का चौबीसवां राजा था । इसकी सौ रानियाँ थीं । विष्णु व वायु पुराण के अनुसार युवनाश्व द्वितीय प्रसेनजित का पुत्र और रेनुका का भाई था ।
इसकी पटरानी का नाम गौरी था जो चन्द्रवंशी राजा मतिनार की बेटी थी । पुत्र प्राप्ति के लिए इसने भृगु ऋषि को अध्वर्यु बना कर यज्ञ किया। नर्मदा की सहायक नदी कावेरी है। नदी के नाम पर इस राजा ने अपनी बेटी का नाम कावेरी रखा। अपने पूर्ववर्ती राजा रैवत से युवनाश्व को एक दिव्य खड्ग प्राप्त हुई थी, जिसका उपयोग इसके वंशज रघु ने किया था। यह राजा बहुत दानी था । इसने अपनी समस्त सम्पत्ति रानियों को और साम्राज्य ब्राह्मणों को दे दिया था । ऋग्वेदा दशम मंडल में इस राजा का वर्णंन है। पुराणो के अनुसार उनके तीन पुत्र थे जिनका नाम पुरुकुत्सा , अम्बारिशा और मुचुकुन्दा था ।

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