“ओ रब्बा”
Lyrics By Cdr Alok Mohan
दिल की धड़कनों में जब नाम लेता हूँ कोई,
ख़्वाबों में ही सही, पास आ जाता है कोई।
यादें तब और भी यादगार बन जाती हैं,
जब हमें हमसे ही ज़्यादा जान लेता है कोई।
ओ मेरे रब्बा, ये हुस्न भी क्या रहमत है,
उसके चेहरे पे जैसे चाँद की सजावट है।
रूह से रूह का रिश्ता बना लेते हैं,
आ मेरी महबूबा,
सच्ची मोहब्बत निभा लेते हैं।
रात के आँचल में जब तारे उतरते हैं,
तेरे ख्यालों के दिये और भी चमकते हैं।
हर धड़कन तेरा ही नाम दोहराती है,
मेरे सीने में तेरी रूह बस जाती है।
तेरी आँखों में समंदर-सा नशा रहता है,
मेरे दिल के वीराने में भी चाँद-सा रहता है।
तेरे होंठों की ख़ामोशी भी इबादत लगती है ,
हर लफ़्ज़ तेरे जैसे हसीन रहता है।
वक़्त बदले तो हज़ारों नए चेहरे मिलते,
पर तेरी यादों का ही चेहरा जवाँ रहता है।
इश्क़ जब दिल से उतरता है तो चुभता है बहुत,
जैसे शीशे में कोई तीर-सा रहता है।
तेरी हँसी से ही रौशन मेरी तन्हाई है,
तेरे बिना ये हर मंज़र अधूरा-सा रहता है।
तू जो पास हो तो लगता है खुदा मेहरबान,
तेरे जाने से हर लम्हा तन्हा-सा रहता है।
तेरी दो मस्त आँखें वृंदावन को फीका कर जाएँ,
उनमें डूबूँ तो हर ग़म दरिया में बह जाए।
तेरे सवालों से उलझा हूँ, जवाबों में गुम,
ज़िन्दगी में वही इक ग़म-सा क्यूँ रह जाए।
तेरे बिना सूना हर मेला, हर समा,
तेरे नाम से ही जुड़ा है मेरा जहाँ।
साँसों की सरगम में तेरा ही नग़्मा,
तेरी चाहत से ही मिलती है दुआओं में सज़ा।
तेरी राहों में अपना दिल बिछा दूँ मैं,
तेरे हुस्न पे अपनी रूह लुटा दूँ मैं।
इश्क़ को इबादत बना बैठा हूँ,
तेरे सजदे में अपना सर झुका दूँ मैं।
तू जो देख ले तो किस्मत सँवर जाती है,
तेरी मुस्कान से हर मुश्किल बिखर जाती है।
तेरा होना ही मेरे लिए दुनिया है,
तेरे बिना ज़िन्दगी अधूरी कहानी है।
ओ मेरे रब्बा, ये हुस्न भी क्या रहमत है,
उसके चेहरे पे जैसे चाँद की सजावट है।
रूह से रूह का रिश्ता बना लेते हैं,
आ मेरी महबूबा,
सच्ची मोहब्बत निभा लेते हैं।
तेरे नाम से ही रोशन है मेरी दुआओं की ज़ुबाँ,
तू जो साथ हो तो लगता है पूरा जहाँ।
रब ने तराशा तुझे हुस्न और सबाब के साथ,तू कुदरत का सबसे खूबसूरत तोहफ़ा है मेरे पास।
Everyone 𝑭𝒐𝒍𝒍𝒐𝒘𝒆𝒓𝒔. Highlight