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ख़ामोशी दी पुकार

ख़ामोशी दी पुकार

Lyrics by Cdr Alok Mohan,
Copyright (©) Cdr Alok Mohan
राहां लम्बियां होण
या राहां च चुगलखोर होण,
असां हमेशा सिर उठा के खड़िये,
चाहे मुश्किलां दे कई पहाड़ होन

कदे -कदे बिना मिले वी,
दिल जुड़ तां जांदा ऐ,
मीलां दूर हो के वी,
एहसास साडे नाल रहिंदा ऐ…

लोकी सानूं रोक ना सके,
कदे ना बने हण, कोई पहिरे,
साडी राहवां च’ जो वी आया,
नफरत दी अग ‘च खुद ही जले…

समां कदे रुकदा नहीं,
पर लोकी, सब बदल गए,
कल तक वक्त, जिन्हा दा  मोहताज सी,
आज वक़्त ओ थे ही, खड़ा एे,
पर ओ सब वक्त विच  खो गए…

चन वी साडी गल सुने,
रुत्तां वी साडे पासे होण,
असीं दोवें बस इक हो जाइये,
ना कोई होर विछोड़े होण…

सच्चे इश्क़ दी राहवां ‘च,
ना कोई डर, ना कोई दूरी होवे,
रब्बा, साडा मेल ऐसा होवे,
जिस ‘च हर वारी नूरी होवे…

जिन्हां कोल कल फुरसत नहीं  सी,
उह हुण साडीयां राहवां तकदे ने,
कदे आउण दा वादा करदे सी,
हुण साडे  पैर दी आहट वी सुनदे ने…

जिंदगानी दी किताब ‘विच,
हर सफे ते तेरा नां लिखिया,
रब्बा, ऐसी तक़दीर बनाइं,
जित्थे हर सुख, संग लिखिया…

रब्बा, साडे इश्क़ नूं हिफ़ाज़त बख्शीं,
हर नज़र बुरी हट जाए,
साडे दिलां दी रोशनी हमेशा,
इक दूजे नूं जगाए…

मौसम बदलिया, वेखिया ज़माना,
पर साडा इश्क़ नही  बदलिया,
इन्हां धड़कणां च’ तेरा गीत,
हर वार इश्क़ दे  विच ही  धड़किया …

चमकन वाला चन वी पूछे,
तू कौन है, ते किथे वसदा ऐं?
दिलां दे शहर च’ नाम लिखिया तेरा,
हर सज़दा तैनू ही दसदा ऐ..

बिगड़े वाल, वड्डी दाढ़ी,
ते गुमशुदा हालात,
यार, तूँ तां जुदाई दी बैण,
पवा लाई रातों रात
कल तक जो दौड़ रहे सी ,
अज दुनिया दे मेले विच खो गए,
अज ठहर के तक लै  राहवां ,
साडे वरगा कोई तैनु  मिल ना पाये…

साडा इश्क़ सदा रहे,
कदे ना ऐह टूटे,
रब्बा, लिखीं प्यार ओही,
जो हर जनम विच जुड़े…

हर जनम विच , हमेशां,
इक दूजे दीयां बांहां ‘च रहीए,
कदे ना होवे विछोड़ा,
सच्चे  प्यार सदा असी बहिये ..
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