ancient indian history

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मधुशाला

मधुशाला पेगाम देती आओ मेरे मधु के प्याले में खो जाओ मीठा दरिया है पुकारता आओ मेरे मीठे पानी में ड़ूब जाओ यह दोस्ती कभी कभी गहरी नींद सुला देती है मृदु भावों के अंगूरों की याद बहुत रूला देती है झरनो के वेग कहते आओ मेरे संग मौज-मस्ती की शंख बजाओ मधुशाला पेगाम देती …

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मैंने खुद को खुद से

मैंने खुद को खुद से बात करते देखा मैने खुद को खुद ही तपते झलते देखा खुद को मन की तराजू पर तुलते देखा अपनो को अपनी ही नज़र से गिरते देखा भुझते उभरते प्रेम के दीपक को जलते देखा गिरते ढलते खुद ही संभलते देखा मककारों को सीना ताने चलते देखा जानता हूँ सीमाओं …

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उदास मन टूटा सा तारा

उदास मन टू टा सा तारा ढूँड रहा यह कुछ बेचारा अंधेरों . में एक सहारा चमकते बुझते भूला रहा याद आकाश भेधता यह टूटा तारा जानता हैं की अंत अब करीब है राख बनेगा यही अब नसीब है फिर भी झूम के मानो कर रहा इशारा उदास मन टूटा सा तारा अपनी राह पर …

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एक बार तुम हालेदिल

बेवफा कहने से पहले एक बार तुम हालेदिल जान तो लेते वक्त में बहने से पहले एक बार मेरा कहा मान तो लेते इलजाम हमपे है की हम दिखावा करते हैं खुद को दिये में जला अब छलावा करते हैं खुद जलने से पहले सूखी लकडींयों में कोन है जान तो लेते बेवफा कहने से …

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ड़र सा अब लगने लगा हैं

 ड़र सा अब लगने लगा हैं हर उस ऊनकी बात पर हर जजबात पर हर पल अब थमने सा लगा हैं हर बीती रात पर हर नयी प्रभात पर ड़र सा अब लगने लगा हैं एक अरमान कहता है कुछ पल अब तेरे संग गुजारूँ तनहा ज़िन्दगी में तुझे   पुकारूँ लेकिन स्वाभीमान जगने लगा …

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Hari Singh Nalwa

Hari Singh Nalwa was born in Gujranwala, in the Majha region of Punjab, to the Uppal family (1791_1837) By the time he was 10 years old, he began practising the Sikh religion. Training in horse riding and martial arts from a very young age, Hari Singh quickly displayed prowess in physical activity and intelligence. By …

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