“Fusion”
Lyrics by Cdr Alok Mohan,
Copyright (©) Cdr Alok Mohan
तू आयी थी, जैसे कोई एक सपना नया,
संयोग था, पर लगा जैसे अपना कोई मिला।
तेरी बातों में खोया, तेरी चाहत में बहा,
बेख़बर इस दुनिया से, बस तुझमें ही था रहा।
तू जो वेखें, तां रौशनी होवे,
तू जो बोले, तां साज वजे,
तेरी इश्क़ भरी गलियां विच,
रूह मेरी हर रोज सजे।
जिस्म से नहीं, रूह से, हम जुड़े थे कहीं,
ख्वाबों में हँसी की जलती लौ पर रुके थे कहीं ।
अब बनावटी हँसी से चुभता है ये जहान,
जहाँ दिलों से खेलते हैं, बेइंतिहा इंसान ।
तेरी यादां दी चादर ओढ़ के
सांझ-सवेरे जपां मैं तेरा नां
तेरे इश्क़ विच रब दा नूर दिखे
तू ही मेरा इमान, मेरा जहां
लगा ले गले से मुझे बिन बताए,
उम्र भर तुझे ये इजाजत रहेगी।
तेरा नाम ही अब मेरी साँसों में बसा,
तेरी यादों में ही मेरी दुनिया रहेगी।
तेरी बाहां दी छांव मिले,
तेरी सांसां दी हलचल होवे,
इश्क़ साडा इस जहान तो वड्डा,
बस तू हर पल मेरे नाल होंवे।
ना बांधने की चाहत, ना छूटने का मन,
बस इक एहसास, और इक रूह का संगम।
मैंने सौंपा था तुझको, अपना हर जज़्बात,
पर मुझे क्या मिला, बस तन्हाई की सौगात।
रातां लंबी, तेरी यादां विच गुज़ारां
दिल दी किताब तेरे इश्क़ नाल सज़ा
बंद कर लां अखियां, तेरी छवि आवे
हर सांस बोले, तू ही खुदा
तेरी चाहत आसमां थी, मेरी मोहब्बत एक नदी ,
मैं डूबता रहा, तू बन गई एक परायी
मैंने चाहा तुझे, खुद से भी ज़्यादा,
पर तूने मुझे, बस एक अफसाना बना दिया।
तेरे बिना दिल ना लगे, सजना
रूह भी मेरी तेरा गीत गाए
तू जो हँसे तो खिलें बहारां
सारा जग सतरंगी हो जाए
तेरे नाल बिताए हर एक पल
सदियां जितना गहरा हो गया
सुरज दी गर्मी, चांदनी दी ठंडक
इक दूजे विच रौशन हो गया
सजना, सजना, तेरा इश्क़ मेरा जहां,
तेरी बाहों में लगे जन्नत दी शान,
तू जो छूवे, मैं बदल जावां,
तेरे बिना अधूरी मेरी पहचान।
मैं भी इक जज़्बात हूँ, मैं भी था इक इंसान,
फिर क्यों हर बार सहूं, क्यों झेलूं ये तूफान?
कभी पत्थर, कभी जालिम, नाम मुझे दिए,
दर्द के साए में कभी पले थे कई अरमान ।
दिलां विच लब्ज़ कदे मरदे नहीं
इश्क़ दी ज़ुबान सदा जिंदा रहंदी
तेरे संग हर जन्म दा वादा
रूहां तक एह मोहब्बत बहंदी
तेरी आँखां दी गहराई विच,
रब दा नूर चमकदा ऐ,
तेरा मोह लगे इश्क़ दा दरिया,
जिस विच दिल मेरा डुबकदा ऐ।
रातां सजनां तेरे संग कटण,
चन्न वी साडे गाने गावे,
साहवा दी सरगम विच सज्जना,
तेरा नां हर वारी आवे।
तेरे बिना सुन्ना-सुन्ना ऐ दिल,
जैवें बागां विच बहार नई,
तेरी बातां विच खुशबू ऐ प्यार दी,
ज़िंवें मौसम विच खुमार लाई।
तेरी मुस्कान दा जादू सजनां,
दिल नू हर वार लुभावे,
तेरी हँसी दी मिठास विच,
साडे सारे घाव भर जावे।
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