मुझसे ख़फ़ा थी तू,
पर यह तो बता
मुझे खो कर
तूने क्या खोया
क्या पाया
किसके लिए
मुझे छोड़ के
यह दिल दुखाया
रंजिश ही सही,
हम से किसके लिए
तूने इस शमा को
बुझाया
किस किस को बताएँ इस
राहते-जहाँ ने क्यूँ रुलाया
इक उम्र से
इंतजार में हूँ
तुझे दिखाने के लिए
की हमें छोड़ तूने
क्या खोया क्या पाया
मुझसे ख़फ़ा थी तू,
पर यह तो बता
मुझे खो कर
तूने क्या खोया
क्या पाया
~ मोहन आलोक