राम काव्य
इस पुस्तक में बाल्मीकि रामायण से लेकर १९४७ इसवी तक राम कथा सम्बंदित विभिन भारतीय भाषाओँ में रचित साहित्य का संक्षेप में वर्णन है वैदिक साहित्य में राम कथा के पात्रों का उल्लेख है ! महाभारत पूरण तथा पुरानेत्र साहित्य में संस्कृत भाषा में राम कथा सम्बन्धी महा काव्य खंड काव्य विलोम काव्य गीति काव्य चम्पू काव्य उपलब्द हैं ! बोध साहित्य के अंतर्गत पली भाषा में रचित तीन जातकों में राम कथा मिलती है ! जैन साहित्य में संस्कृत प्राकृत अप ब्रंश व् कन्नड़ भाषा में राम कथा सम्बन्धी रचित साहित्य है ! हिंदी भाषा में गोस्वामी तुलसीदास रचित राम चरित मानस भक्ति काव्य है! अन्य रचनाएँ जैसे भरत मिलाप रामचंद्रिका हनुमान नाट्य गोसाईं गुरुवाणी आदि है! श्री दशम ग्रन्थ साहिब में राम अवतार में श्री राम के जनम से लेकर स्वर्गारोहण तक की पूरी कथा है! प्रमुख कवी अगरदास नाभा दास बाबा राम स्नेही विश्वनाथ सिंह आदि का भी वर्णन है!
Ram Kavya
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Ram Kavya
This book includes brief description of Balmiki Ramayan to Ram katha literature and main characters of Ram Katha written in different languages of India. For example 1. Maha Bharat, Puraan, Ram Katha, maha kavya, khund kavya, Vilom Kavya, Giti Kavya, Champu Kavya written in sanskrit 2. Ram Katha written in pali language of Bodh literature 3. Ram Katha written in sanskrit, Prakrit, upbhransh & kannad of jain literature 4. Ramcharit Manas written in Hindi by Goswami Tulsi dass. There are many other contributions various sects of early India. For example Bharat Milaap, Ram Chandrika, Hanumaan natak, Gosaai Gur wani, Shri Dasham Guru Granth sahib which describes about Ram from Birth to Swargarohan. During 18th & 19th century Ram Kavya was written in Punjabi. During the end of 18th century, many eminent poets & writers like Bhartendu Harish Chander, Balmukund Gupt, Radha Krishan Dass, Ram Charit Upaadhaya, Surya Kant Tripathi and Swami Satyanand jee had contributed in this subject.
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