ancient indian history

Religions & Beliefs

विश्व के प्रमुख धर्म
संसार में दो प्रकार के धर्म प्रचलित हैं। एक ऐसे जो प्राचीन काल में समाज कल्याण के लिए बने थे इनका आधार सदाचार तथा सद्व्यवहार था। ऐसे नियम बनाए गए कि समाज में परस्पर कलह, देष न पनपे। लोग परस्पर प्रेम से रहें और आपदाओं में एक दूसरे की सहायता करें। ऐसे धर्मों में हिन्दू धर्म और इससे उपजी शाखाएँ जैन, बौद्ध व सिक्ख मत है तथा पारसी अथवा जरथुस्त्र और यहूदी धर्म हैं।
दूसरी श्रेणी में ऐसे धर्म आते हैं जो सामुदायिक संगठन के आधार पर बनाए गए हैं, ताकि अपने समुदाय की संख्या और शक्ति को बढ़ा कर सामुदायिक हितों की रक्षा और वृद्धि की जा सके। इनमें इसाई और इस्लाम है। इन धमों की मान्यता है कि जो इन धर्मों के प्रवर्तकों अथवा ईसा मसीह और हजरत मुहम्मद पर विश्वास नहीं रखता और न ही बाईबल और कुरान शरीफ’ को मानता है, वह पागन अथवा काफिर है और उनका धर्मान्तरण करके उन्हें अपने धर्म में लाना क्रमशः प्रत्येक इसाई और मुस्लिम का परम कर्त्तव्य है। हिंसा और आतंक द्वारा अन्य धर्म के लोगों को मजबूर करके धर्म परिवर्तन इसाईयत और इस्लाम के इतिहास में होता रहा है।
इसाई आक्रमणकारियों ने अमेरिका और अफ्रीका के लोगों को इसाई बनाया और जो नहीं बने, उन्हें मार दिया गया। यहां तक कि इंग्लैण्ड की महारानी मेरी (ब्लडी) जो कैथोलिक मत की थी, उसने हजारों की संख्या में निरपराध प्रोटेस्टेंट मत के इसाइयों को जीवित जला दिया था। परन्तु बीसवीं सदी में विश्व युद्धों के खून खराबे के बाद इसाईयों ने धर्मान्तरण के लिए हिंसा और आतंक का सहारा लेना छोड़ दिया हैं। अब वें प्रचार और आर्थिक प्रलोभन से धर्म विस्तार में लगे हैं। ऐसा ही रक्त-रंजित इतिहास इस्लाम का है। सातवीं शताब्दी से अर्थात् इस्लाम के उदय काल से इस्लामिक धर्म-प्रसार का साधन आक्रमण, .अत्याचार और आतंक रहा है। अरब में उपजने के पश्चात् इस्लामिक जहादियों ने पहले मध्य एशिया, फिर उत्तरी अफ्रीका को जीतकर लोगों को मुस्लमान बनाया। तत्पश्चात् ईरान को जीता और वहां के जरथुस्त्र धर्म के अनुयायियों को तलवार के बल पर मुस्लमान बनाया, जो जान बचाकर भागे, वे भारत के पश्चिमी तट पर आ बसे, वे अब पारसी कहलाते हैं। उसके बाद रूस के दक्षिण में स्थित देशों यथा अजरबाई जान, तुर्कमेनिस्तान, किरगिरिजया, कंजारूस्तान देशों के बौद्धों को जीतकर, आतंक के बल पर मुस्लिम बना लिया गया। भारत के उत्तरी प्रान्त अफगानिस्तान, बलोचिस्तान, काश्मीर, सिंध और पश्चिमी पंजाब जहां की जनता हिन्दू थी, को आतंकित कर के मुसलमान बना लिया। जिन्होंने इस्लाम धर्म अपनाने से इन्कार किया उन्हें मौत के घाट उतारा गया। सन् 1947 ई0 में पंजाब, सिंघ बलोचिस्तान तथा काश्मीर में लगभग एक करोड़. निरपराध हिन्दुओं का वध कर दिया गया। इनमें बच्चे बूढे, स्त्री, पुरुष सब प्रकार के निहत्थे व्यक्ति थे। लगभग इतने ही हिन्दुओं ने भाग कर भारत में शरण ली। इस प्रकार ब्रिटिश के अन्त समय में रकत रंजित पाकिस्तान का जन्म हुआ। हिन्दू धर्म-संस्कृति का उल्लेख विस्तार से हो चुका है। बौद्ध धर्म और सिक्ख धर्म, जो हिन्दू धर्म की शाखाएँ हैं। 

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