ancient indian history

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Origin of Chhibbers

Bhai Mati Das is one of the greatest martyrs in Chhibber history.  He along with his younger brother Bhai Sati Dass, were executed along with him at the Kotwali (police-station) near the Sunehri Masjidin theandni Chowk area of Old Delhi, under the orders of emperor Aurangzeb. Bhai Mati das belonged to the village of Karyala, a stronghold …

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Rishi Kapil

कपिल ऋषिसनातन धर्म शास्त्रों में कपिल ऋषि को अग्नि का अवतार और ब्रह्मा का पुत्र माना गया है। कपिल को विष्णु का पांचवां अवतार भी माना जाता है।नारद पुराण में दो कपिल ऋषियों का उल्लेख है। एक ब्रह्मा का तथा दूसरा विष्णु का अवतार था। इनमें से वेदान्ती कौन, और सांख्य शास्त्रज्ञ कौन था, यह …

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Rishi Gautam

ऋषि गौतम ऋषि गौतम सप्तर्षियों में से एक हैं। उनकी पत्नी का नाम अहिल्या था । अहिल्या ब्रह्मा की मानस पुत्री थी जो विश्व मे सुंदरता में अद्वितीय थी। हनुमान की माता अंजनी गौतम ऋषी और अहिल्या की पुत्री थी। गौतम का आश्रम पारियात्र पर्वत के पास था। उसके वंश ने वहां कई हजार वर्ष …

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Rishi Dronacharya

द्रोणाचार्य : द्रोणाचार्य भारद्वाज के पुत्र थे ये भारद्वाज इक्ष्वाकु वंश की 91वीं पीढ़ी के राजा सुसंधि के समकालीन थे। द्रोण की पत्नी कृपी कृपाचार्य की बहिन थी। इन दोनों का पालन पोषण राजा शान्तनु ने किया था। गौतम की पुत्री होने के कारण कृपी को गौतमी भी कहते थें।  द्रोणाचार्य ने अपने पिता से …

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Rishi Gobhil

ऋषि गोभिल :गोभिल कश्यप कुल का गोत्रकार ऋषि है। इस ऋषि द्वारा रचित “गोभिल गृह्य सूत्र” “गोभिल” गृह्य कारिका, ” “गोभिल परिशिष्ट” आदि ग्रन्थ है। गन्धर्व चित्रेश्वर द्वारा स्थापित महाभारत पांडव-कौरव के पूर्वज के चित्रेश्वर शिवलिंग हैं। जैमिनीश चित्रेश्वर के पश्चिम में महर्षि जैमिनि द्वारा स्थापित। उसके आगे सामन्त, राजा आदि तथा और ऋषियों द्वारा …

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Rishi Vishvamitra

विश्वामित्र ऋषि विश्वा मित्र कान्य कुब्ज के राजा गाधि के पुत्र तथा कुशिक के पौत्र थे। विश्वामित्र वैदिक काल के बड़े ही प्रतापी और तेजस्वी महापुरुष थे। ऋषि धर्म ग्रहण करने के पूर्व वे बड़े पराक्रमी और प्रजावत्सल नरेश थे ।वह एक बार ऋषि वसिष्ठ के आश्रम में गये। आश्रमवासियों ने उसका राजसी सत्कार किया विश्वामित्र …

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Rishi Vararuchi

ऋषि वररुचि कात्यायन:वररुचि दक्षिण भारत के एक ब्राह्मण थे। हालाँकि यह संभव है कि याज्ञवल्क्य, उनके पुत्र कात्यायन, गुजरात में बस गए थे, वररुचि के पिता, महाराष्ट्र की ओर गए होंगे और वहाँ वररुचि का जन्म हुआ था। याज्ञवल्क्य का आश्रम, स्कंदपुरम, गुजरात में स्थित है। वररुचि वासवदत्त के लेखक सुबंधु के मामा थे, जो …

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Rishi Vatsyayan

ऋषि वात्स्यायन भृगुवंशीय वातस्य ऋषि का वंशज होने के कारण इस ऋषि का नाम वात्स्यायन पड़ा। सुबंधु के अनुसार इस ऋषि का मूल नाम मल्ल नाग था। वात्स्यायन इसका गोत्र नाम है। इस ऋषि ने “कामसूत्र” ग्रन्थ की रचना की। इसका समय 300 ई०  था। ऋषि वात्स्यायन स्वयं योगी और ब्रह्मचारी था। कई विद्वान इसे जयपुर …

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Sage Shounak

Sage Shounak ऋषि शौनक ऋषि शौनक भृगुकुल का मंत्रदृष्टा हुआ है। यह व्यास की अथर्वन शिष्य परम्परा में से पथ्य नामक आचार्य का शिष्य था। एक भार्गव ऋषि इन्द्रौत हुआ है। भृगु से भार्गव, च्यवन, और्व, आप्नुवान, जमदग्नि, दधीचि आदि के नाम से गोत्र चले। यदि हम ब्रह्मा के मानस पुत्र भृगु की बात करें …

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