ancient indian history

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Dharm Sanskriti

भारतीय धर्म-संस्कृति के संरक्षण का इतिहास देहि सिवा वर मोहे इहै . सुभ कर्मन ते कबहुं न डरों, न डरौ अरि सों, जब जाय लरौ , निसचै कर अपनी जीत करौ।बीसवीं शताब्दी के अनेक बलिदानियों को, जिन्होंने विदेशी सत्ता से भारत माता को मुक्त कराने और भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए असहनीय यातनाएँ सही, …

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Raja Harshvardhan

अयोध्या के प्रमुख राजा हर्षवर्धन हर्षवर्धन का समय 606 ई0 से 641 ई0 तक था । ह्यूनस्यांग हर्ष के विषय में लिखता है- “वह शक्तिशाली शासक, उच्चकोटि का कवि ओर नाटककार था । साहित्यकारों का सम्मान करता था । वह बौद्धमत का कट्टर, अनुयायी बन गया । वह भूल गया कि वह एक राजा है। …

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Gupt Vunsh

अयोध्या के प्रमुख राजा गुप्तवंश चौथी शताब्दी के आरम्भ में भारत विदेशियों चंगुल से पूर्णतया मुक्त हो गया था । गुप्तवंश के उदय के समय उत्तरी भारत में अनेक राजतंत्रीय और गणतंत्रीय राज्य थे, जिनमें अयोध्या राज्य प्रमुख था । गुप्तवंश के प्रमुख राजा चन्द्रगुप्त प्रथम, समुद्र गुप्त, चन्द्रगुप्त द्वितीय, कुमार गुप्त और स्कन्द गुप्त …

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Shung

अयोध्या के प्रमुख राजाशुंगवंशशुंग वैष्णव थे। अपने शासन काल में पुष्यमित्र ने कई मन्दिर बनवाए जिनमें अयोध्या का श्री राम मन्दिर, मथुरा का श्री कृष्ण मन्दिर और काशी का विश्वनाथ मन्दिर प्रमुख थे। पुष्यमित्र के समय श्रीकृष्ण को दुष्ट-संहारक और सुदर्शनचक्र धारी के रूप में मान्यता दी गई थी। विदिशा के निकटवर्ती शिलालेख बताते हैं …

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Mauryas

मौर्यवंश मौर्य वंश का प्रथम राजा चन्द्रगुप्त मौर्य था। उसने 322 ई० पूर्व से 298 ई0 पूर्व तक 24 वर्ष शासन किया । सिकन्दर की मृत्यु के पश्चात् उसके सेनापति सिल्यूकत ने भारत पर आक्रमण कर दिया । परन्तु वह चन्द्रगुप्त से हार गया। उसने अपनी बेटी का विवाह चन्द्रगुप्त से करके वैक्टरिया का क्षेत्र …

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Raja Parsenjit

प्रसेनजित तृतीय कई विद्वान प्रसेनजित को अयोध्या (कौशल प्रदेश) के इक्ष्वाकुं वंश का अन्तिम राजा मानते हैं। कईयों के अनुसार क्षेमक अयोध्या का अन्तिम राजा था। वह मगध के राजा महापद्म नन्द का समकालीन था । प्रसेनजित दानवीर राजा था। उसने दो गांव ब्राह्मणों को दान दिए थे। उस समय कौशल प्रदेश में मुख्य नगर …

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Raja Vrihdal

अयोध्या के प्रमुख राजाराजा वृहद्वल यह कौशल देश के सम्राट विश्रुतवत का पुत्र था । युधिष्ठर के द्वारा किए राजसूय यज्ञ के समय भीम द्वारा किए पूर्व दिग्विजय में उसने इसे हरा दिया था। राजसूय यज्ञ में इसने 14 हजार उत्तम अश्व भेंट किए थे। महाभारत युद्ध में यह कौरव पक्ष में था । दुर्योधन …

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Raja Augnivarn

  राजा अग्निवर्ण संस्कृत के महान कवि कालिदास जी ने अपने काव्य ग्रंथ रघुवंशन में दिलीप, रघु, दशरथ, राम, कुश और अतिथि का विशेष वर्णन किया गया है। वे सभी समाज में आदर्श स्थापित करने में सफल हुए ।रघुवंश’ के अनुसार रघु कुल में अतिथि के बाद 20 रघुवंशी राजाओं की कथा है।सुदर्शन राजा ने …

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Raja Hiranyanabh

अयोध्या के प्रमुख राजा राजा हिरण्यनाभ हिरण्यनाभ, अयोध्या के राजा विश्वसह का पुत्र था ।भगवान् श्रीराम के पुत्र कुश से अतिथि नामक पुत्र का जन्म हुआ, अतिथि का पुत्र हुआ निषध, निषध से नभ, नभ से पुण्डरीक और पुण्डरीक से क्षेमधन्वा। क्षेमधन्वा का देवानीक, देवानीक का अनीह, अनीह का पारियात्र, पारियात्र का बलस्थल और बलस्थल …

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Raja Atithi

राजा अतिथि कुश और कुमुद्रती के पुत्र अतिथि का जन्म रात के चौथे पहर में हुआ था ।अतिथि अपने प्रतापी पिता के समान बहुत तेजस्वी था । उसके बहुदर्शी और विद्वान् पिता कुश ने उसे क्षत्रियोचित शिक्षा देकर युद्धविद्या और राजनीति में निपुण कर दिया थाकुश जैसा शूर वीर, जितेन्द्रिय और कुलीन था पुत्र भी …

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