ancient indian history

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पहेली

पहेली बन कर हमेशा ऊलझने ऊलझती रही हम से नवेली बन गयी मेरी यह. जिंदगी मेरे अपने ही गम से मधुशाला पेगाम देता रहा आ मेरे मधू के प्याले में खो जाओ मीठा दरिया है पुकारता रहा आ मेरे मीठे पानी में ड़ूब जाओ जो मेरे दिल के पास थी पहेली सुलझती रही खुद ब …

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नजारे

बदली थी जब जब ऊनकी नजर तो बदल गये सारे नजारे धीरे से चलते रहे हम ऊनकी यादों की बैसाखी के सहारे मायूस जब जब किया था ऊनकी य़ादों ने मंजिल दिखी उनमे सपनो में हुई मुलाकातों से नींद खुली तो बदल गये यह आसमान चाँद और सितारे बदली थी जब जब ऊनकी नजर तो …

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मधुशाला

मधुशाला पेगाम देती आओ मेरे मधु के प्याले में खो जाओ मीठा दरिया है पुकारता आओ मेरे मीठे पानी में ड़ूब जाओ यह दोस्ती कभी कभी गहरी नींद सुला देती है मृदु भावों के अंगूरों की याद बहुत रूला देती है झरनो के वेग कहते आओ मेरे संग मौज-मस्ती की शंख बजाओ मधुशाला पेगाम देती …

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मैंने खुद को खुद से

मैंने खुद को खुद से बात करते देखा मैने खुद को खुद ही तपते झलते देखा खुद को मन की तराजू पर तुलते देखा अपनो को अपनी ही नज़र से गिरते देखा भुझते उभरते प्रेम के दीपक को जलते देखा गिरते ढलते खुद ही संभलते देखा मककारों को सीना ताने चलते देखा जानता हूँ सीमाओं …

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उदास मन टूटा सा तारा

उदास मन टू टा सा तारा ढूँड रहा यह कुछ बेचारा अंधेरों . में एक सहारा चमकते बुझते भूला रहा याद आकाश भेधता यह टूटा तारा जानता हैं की अंत अब करीब है राख बनेगा यही अब नसीब है फिर भी झूम के मानो कर रहा इशारा उदास मन टूटा सा तारा अपनी राह पर …

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