ancient indian history

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Rishi Sandipan

ऋषि संदीपन: अवन्ति निवासी संदीपन कश्यप गोत्रीय ऋषि थे। वे धनुर्विद्या के श्रेष्ठ आचार्य थे। उनके आश्रम का नाम अंकपाद था। सुदामा, बलराम और श्रीकृष्ण इसी आश्रम में शिक्षा पाते थे। संदीपन ने उन्हें वेद, उपनिषद, राजनीति, चित्रकला, गणित, गांधर्व वेद, गजशिक्षा अश्व शिक्षा आदि चौसठ कलाएं सिखाई तथा दस अंगों से युक्त धनुर्वेद का …

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Rishi Asit

ऋषि असित असित कश्यप वंशीय सूक्त द्रष्टा और गोत्रकार ऋषि थे। उनकी पत्नी हिमालय की कन्या एकपर्णा थी। ये युधिष्ठर के यज्ञ में ऋत्विज बने थे। ये अन्य ऋषियों के साथ कृष्ण और बलराम को मिलने कुरुक्षेत्र के अन्तर्गत स्यमंतक क्षेत्र में गए थे। असित ऋषि आदित्य तीर्थ में रहते थे। अभी ये गृहस्थी ही …

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Rishya Shringa

ऋष्य श्रृंग ऋष्य श्रृंग के पिता विभांडक ऋषि थे। वह ऋषि कश्यप के पोते थे। इनका आश्रम कौशिकी नदी पर था। उन्होंने हिमालय निवासी सनत्कुमारों से ज्ञान प्राप्त किया था। उनके पूरे शरीर पर बाल थे। ऋष्य श्रृंग के सिर पर सींग थे। अतः जन्म के शीघ्र माता ने उन्हें त्याग दिया। पिता ने ही …

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Rishi Shandliya

ऋषि शाण्डिल्य :ऋषि शाण्डिल्य कश्यप वंशीय गोत्रकार हैं। शतपथ ब्राह्मण में यज्ञ की अग्नि को शाण्डिल कहा गया है। इस ग्रन्थ के 609 काण्ड अग्नि चयन से सम्बन्धित हैं। इन काण्डों के अध येता आचार्यों को पष्टिपथक कहा जाता था। इन काण्डों का प्रमुख आचार्य शाण्डिल्य माना जाता है। इनके प्रमुख शिष्य-कौण्डिन्य, अग्नि वेश्य वातस्य …

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Rishi Kanva

ऋषि कण्व कण्व दो हुए हैं । एक अंगिरस गोत्र उत्पन्न तथा दूसरा कश्यप वंशीय कण्व काश्यप मेघातिथि के पुत्र थे। इनका आश्रम हरिद्वार के निकट मालिनी नदी के तट पर था। विश्वामित्र की पुत्री शकुन्तला एवं उनके पुत्र भरत का पालन-पोषण इन्होंने ही किया था। कण्व वैदिक  में  काल सनातन धर्म  के विख्यात  ऋषि थे, जिनके …

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Rishi Kashyap.

ऋषि कश्यप ऋषि कश्यप का आश्रम मेरु पर्वत की चोटी पर था, जहाँ वे ध्यान करते थे। ऐसा माना जाता है कि ऋषि कश्यप ने कश्मीर की स्थापना की थी। पूरे कश्मीर पर ऋषि कश्यप और उनके पुत्रों का शासन था। कैलाश पर्वत के चारों ओर भगवान शिव के गणों की शक्ति थी। कश्मीर क्षेत्र …

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Rishi Marichi

मरीचि कुल ऋषि मरीचि स्वायंभुव मनवन्तर में ब्रह्मा के मानस पुत्र थे। वे इक्कीस प्रजापतियों में एक थे। दक्ष पुत्री संभूति इनकी पत्नी थी। संभूति की बहिन सती शिव को ब्याही गई थी। संभूति से मरीचि को पूर्णिमा पुत्र तथा कृष्टि, वृष्टि, त्विषा और उपाचिति चार पुत्रियाँ हुई। भागवत पुराण के अनुसार उनकी दो पत्नियाँ …

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Rishi Galav

ऋषि गालव गालव ऋषि भी कई हुए हैं। प्रथम गालव वह था, जिसकी माता ने अकाल से पीड़ित बच्चों के भोजन का प्रबन्ध करने के लिए इसे बाजार में बेचने का प्रयास किया। बच्चे के गले में रस्सी डाली गई थी, जिससे इसका नाम गालव पड़ा। बड़ा होने पर यह महान गोत्रकार ऋषि बना। दूसरा …

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Rishi Kaushik

ऋषि कुशिक :कुशिक वंश के गोत्रकार कौशिक ऋषि निम्न हैं- उंदुबर, कारूपक (कारिषी) गालव, चांद्रव, जाबाल, तारक, तारकायन, तालकायन, देवरात, दैवल, ध्यानज्ञाव्य, पणिन, पार्थिन, बभ्रु, बादर, वाष्कल, मधुच्छंदस, याज्ञवल्क्य, लोहित्य, लोहिण्य, शालकायन, श्यामायन, समर्षण, सांकृत्य, सैंधवायन, सौश्रुत, हिरण्याक्ष हैं कौशिक एक प्राचीन सनातन धर्म वंश है। ऋषि विश्वामित्र, इसी वंश के थे। राजा कौशिक, गाधि …

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Rishi Yajnavalkya

ऋषि याज्ञवल्क्यऋषि याज्ञवल्क्य युग प्रर्वतक आचार्य थे। वे अपने युग के सर्वश्रेष्ठ उपनिषद्कार माने जाते हैं। इनका उल्लेख शतपथ ब्राह्मण और वृहदरण्यक उपनिषद् में अनेक बार हुआ हैं। यज्ञवल्क्य के वंशज होने के कारण वे याज्ञवल्क्य कहलाए। याज्ञवल्क्य बृहदारण्यक उपनिषद में वर्णित एक प्राचीन ऋषि हैं। याज्ञवल्क्य ने हमारे अस्तित्व, चेतना और नश्वरता की प्रकृति …

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