ancient indian history

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Rishi Uddalak

ऋषि उद्दालक:उद्दालक ऋषि आपोद और धौम्य का शिष्य था। इस ऋषि के साथ एक प्रसिद्ध कथा जुड़ी है। एक बार गुरू ने इसे खेत में पानी रोकने को कहा। इसके प्रयास से पानी नहीं रुका, तो वह स्वयं मेंढ़ में लेट गया और अपने आस पास मिट्टी लगा ली। बहुत देर तक शिष्य लौटा नहीं …

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Rishi Gautam

ऋषि गौतम ऋषि गौतम सप्तर्षियों में से एक हैं। उनकी पत्नी का नाम अहिल्या था । अहिल्या ब्रह्मा की मानस पुत्री थी जो विश्व मे सुंदरता में अद्वितीय थी। हनुमान की माता अंजनी गौतम ऋषी और अहिल्या की पुत्री थी। गौतम का आश्रम पारियात्र पर्वत के पास था। उसके वंश ने वहां कई हजार वर्ष …

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Rishi August

ऋषि अगस्तऋषि अगस्त्य वशिष्ठ मुनि के बड़े भाई थे। इनका जन्म, अगस्त्यकुंड, काशी में हुआ था। इनकी पत्नी लोपामुद्रा विदर्भ देश की राजकुमारी थी।विदर्भ राजा निमि की पुत्री अगस्त की पत्नी थी। ऋग्वेद में एक मंत्र दृष्टी के नाते इसका नाम है, विद्वानों के अनुसार विदर्भ राज में निमि नाम का कोई राजा नहीं हुआ। …

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Rishi Mudgal

ऋषि मुदगल :मुदगल अंगिरा कुल में उत्पन्न प्राचीन वैदिक ऋषि थे। वे ऋग्वेद के दशम मंडल के १०२ वें सूक्त के द्रष्टा ऋषि थे।पिता का नाम मुद्गल और माता भागीरथी थी। इनकी पत्नी का नाम जाबाला था। महाभारत में चन्द्र सेना नाम है। वैदिक ग्रन्थों में इनका कई बार उल्लेख हुआ है। ऋषि मुदगल, राम …

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Rishi Dhanvantari

ऋषि धन्वन्तरि:ऋषि धन्वन्तरि को  आयुर्वेद शास्त्र का देवता माना जाता है। धनतेरस के दिवस को स्वास्थ्य के देवता धन्वन्तरि का दिवस माना जाता है। धन्वन्तरि आरोग्य, सेहत, आयु और तेज के देवता हैं।आयुर्वेद की उत्पत्ति भगवान ब्रह्मा के समय से हुई । आदिकाल के सभी ग्रंथों में आयुर्वेदावतरण के प्रसंग में भगवान धन्वन्तरि का उल्लेख किया है। आयुर्वेद …

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Rishi Shamik

ऋषि शमीकशमीक ऋषि अंगिरा कुल में उत्पन्न हुए थे। उन की पत्नी का नाम गौ और पुत्र श्रृंगी था। शमीक ऋषि महान तपस्वी तथा परोपकारी स्वभाव के थे । कौशिक नदी के तटपर एक अतीव सुन्दर एवं प्राकृतिक स्थान पर ऋषि शमीक का आश्रम था ।अनेक ऋषिकुमार उनके पास वेदों का अध्ययन करने के लिए रहते थे …

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Rishi Shaktayana

ऋषि शाकटायन शाकटायन वैदिक काल के ८वीं ईसापूर्व के , संस्कृत व्याकरण के रचयिता थे। यह ऋषि काण्व वंशीय थे। यह व्याकरण आचार्य पाणिनी और यास्क से पूर्व हुए हैं। गार्ग्य के अतिरिक्त सभी नैरूक्त आचार्य शाकटायन को अपना आदि आचार्य मानते हैं। इनका “उणादि सूत्र” पाठ प्रसिद्ध ग्रन्थ है। यास्क, पाणिनि एवं अन्य संस्कृत वैयाकरणों ने उनके विचारों का सन्दर्भ दिया है। …

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Agni Vaishya

ऋषि अग्नि वैश्य अग्नि वेश्य को अंगिरा गोत्र का और भारद्वाज का छोटा भाई माना जाता है। इनके गुरू अगस्त ऋषि थे। ब्रह्मा, विष्णु, महेश और ऋषि हम भारतीयों के पूर्वज हैँ। अग्नि वैश्य, सूर्य ओर वायु (वायो), ऋषि थे । ऋग्वेद में अग्नि के ऋषि होने के प्रमाण है ।द्रुपद और द्रोणाचार्य ने अग्नि …

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Patanjali

महर्षि पतंजलि :पुराणकारों के अनुसार पंतजलि शेष के अवतार थे। वे बालपन से ही प्रखर बुद्धि के स्वामी थे। सम्भवतः वे काश्मीर निवासी थे। डॉ० रा० गो० भण्डारकर, डॉ० वासुदेव शरण अग्रवाल, डॉ० प्रभातचन्द्र चक्रवर्ती आदि विद्वानों के अनुसार उनका समय ईसा से 150 वर्ष पूर्व है। पतंजलि के ग्रंथों में लिखे उल्लेख से उनके …

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Ashwatthama

अश्वत्थामा :सात चिरंजीवियों में अश्वत्थामा का नाम भी है। द्रोण पुत्र होने के कारण इसे द्रोणि और द्रोणायन भी कहते हैं। यह रूद्र के अंश से उत्पन्न हुआ था। अतः क्रोधी और तेजस्वी था जन्म लेते ही यह अश्व के समान हिनहिनाया जिससे तीनों लोक कंपित हो गए। इसलिए इसका नाम अश्वत्थामा पड़ा। पाण्डव द्रोण …

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